पुरे विश्व मे ऐसे चार ही धर्मसंस्थापक हुए है जिनके धर्म ने ईस विश्वपर गहरा प्रभाव डाला ..
वो थे -
1) येशु ख्रिस्त ~ ईसाई धर्म
2)मोहम्मद पैगंबर ~ मुस्लिम धर्म
3)श्री क्रुष्ण ~ हिंदु धर्म
4) गौतम बुद्ध ~ बौद्ध धर्म
1) यिशु ख्रिस्त - येशु कहते है की वे परमेश्वर के पुत्र है और जिन्हे परमेश्वर के राज्य में प्रवेश चाहीए उन्होने येशु को मसिहा समझना चाहीए ।
2) मोहम्मद पैगंबर - मोहम्मद पैगंबर येशू से एक कदम आगे जाकर कहते है की वो परमेश्वर के आखिरी दूत है और जिन्हे मुक्ती चाहीए उन्हे मानना होगा की पैगंबर ही आखिरी भगवान है
3) श्री क्रुष्ण - क्रुष्ण ने इन दोनोंपर कहर कर डाला और खुद को परमेश्वर का पुत्र या परमेश्वर का दुत घोषित ना कर खुद को डायरेक्ट परमेश्वर घोषित कर डाला और उनका दावा था की वे देवाधिदेव है
4) गौतम बुद्ध - उपरवाले तीनोनें जो दावे कीए ऐसा कोई भी दावा बुद्ध ने नहीं किया बुद्ध ये सामान्य व्यक्ती बनकर दुनिया मे आये और सामान्य व्यक्ती जैसे जीवन व्यतीत किया और सामान्य व्यक्ती की भुमिकासेही उन्होने अपने तत्त्वज्ञान की शिक्षा दी अपने पास कोई भी दीव्य शक्ती या दीव्य ताकद होने का दावा उन्होने कभी नहीं किया और उसे साबित करने के लिए उन्होने कभीभी चमत्कार का सहारा नही लिया याने की बुद्ध ने अध्यात्मिक विकास के लीए जितने प्रयास कीए उतने प्रयास करने वाला कोई भी व्यक्ती बुद्ध बन सकता है ऐसा उन्होंने सिर्फ मार्गदाता की भुमिका निभाई ...
*बुद्ध का तत्त्वज्ञान*
तथागत बुद्ध कहते है मेरा धर्म ये तर्कशक्ति ,विवेकशक्ती और अनुभव पर आधारित होकर ,मेरी शिक्षा एकदम सही है ऐसा सिर्फ मै कहता हुँ ईसलिए आप उसे आप ग्रहण मत किजीए केवल मै कहता हुँ ईसलिए वो आपपर बंधनकारक है ऐसा आप मत समझिये बल्कि आप उसमे सुधार कर सकते है ईतना ही नही विशिष्ट काल में या विशिष्ट परिस्थितीयोंमे अगर आपको मेरी शिक्षा तर्कहीन या विवेकहीन लगे तो आप उसमे सुधार कर सकते है या उसको तुरंत त्याग सकते है दुसरे शब्दोंमे कहा जाये तो वो अगर सही नहीं है तो उसका मुआयना करनेमें कोई दिक्कत नही ....
ईसलिए बुद्ध का तत्त्वज्ञान कभीभी आउट डेटेट नही हुआ है वो चिरकाल अजरामर है विश्व के और किसीभी धर्म मे आपको ये छुट नही मिलेगी ईसलिए बुद्धीकी कसौटिपर खरा उतरनेवाला विश्व का एकमात्र धर्म है
वो थे -
1) येशु ख्रिस्त ~ ईसाई धर्म
2)मोहम्मद पैगंबर ~ मुस्लिम धर्म
3)श्री क्रुष्ण ~ हिंदु धर्म
4) गौतम बुद्ध ~ बौद्ध धर्म
1) यिशु ख्रिस्त - येशु कहते है की वे परमेश्वर के पुत्र है और जिन्हे परमेश्वर के राज्य में प्रवेश चाहीए उन्होने येशु को मसिहा समझना चाहीए ।
2) मोहम्मद पैगंबर - मोहम्मद पैगंबर येशू से एक कदम आगे जाकर कहते है की वो परमेश्वर के आखिरी दूत है और जिन्हे मुक्ती चाहीए उन्हे मानना होगा की पैगंबर ही आखिरी भगवान है
3) श्री क्रुष्ण - क्रुष्ण ने इन दोनोंपर कहर कर डाला और खुद को परमेश्वर का पुत्र या परमेश्वर का दुत घोषित ना कर खुद को डायरेक्ट परमेश्वर घोषित कर डाला और उनका दावा था की वे देवाधिदेव है
4) गौतम बुद्ध - उपरवाले तीनोनें जो दावे कीए ऐसा कोई भी दावा बुद्ध ने नहीं किया बुद्ध ये सामान्य व्यक्ती बनकर दुनिया मे आये और सामान्य व्यक्ती जैसे जीवन व्यतीत किया और सामान्य व्यक्ती की भुमिकासेही उन्होने अपने तत्त्वज्ञान की शिक्षा दी अपने पास कोई भी दीव्य शक्ती या दीव्य ताकद होने का दावा उन्होने कभी नहीं किया और उसे साबित करने के लिए उन्होने कभीभी चमत्कार का सहारा नही लिया याने की बुद्ध ने अध्यात्मिक विकास के लीए जितने प्रयास कीए उतने प्रयास करने वाला कोई भी व्यक्ती बुद्ध बन सकता है ऐसा उन्होंने सिर्फ मार्गदाता की भुमिका निभाई ...
*बुद्ध का तत्त्वज्ञान*
तथागत बुद्ध कहते है मेरा धर्म ये तर्कशक्ति ,विवेकशक्ती और अनुभव पर आधारित होकर ,मेरी शिक्षा एकदम सही है ऐसा सिर्फ मै कहता हुँ ईसलिए आप उसे आप ग्रहण मत किजीए केवल मै कहता हुँ ईसलिए वो आपपर बंधनकारक है ऐसा आप मत समझिये बल्कि आप उसमे सुधार कर सकते है ईतना ही नही विशिष्ट काल में या विशिष्ट परिस्थितीयोंमे अगर आपको मेरी शिक्षा तर्कहीन या विवेकहीन लगे तो आप उसमे सुधार कर सकते है या उसको तुरंत त्याग सकते है दुसरे शब्दोंमे कहा जाये तो वो अगर सही नहीं है तो उसका मुआयना करनेमें कोई दिक्कत नही ....
ईसलिए बुद्ध का तत्त्वज्ञान कभीभी आउट डेटेट नही हुआ है वो चिरकाल अजरामर है विश्व के और किसीभी धर्म मे आपको ये छुट नही मिलेगी ईसलिए बुद्धीकी कसौटिपर खरा उतरनेवाला विश्व का एकमात्र धर्म है
बुद्धाका मार्ग वैज्ञानिक और सचा है !
ReplyDeleteसा-या विश्वाला बुद्ध हवा.
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